Zee Business की खबर पर मुहर, Sebi ने कॉरपोरेट बॉन्ड इंडेक्स के डेरिवेटिव को दी मंजूरी
सेबी (Sebi) ने एक्सचेंजों को छूट है है कि वो अब कॉरपोरेट बॉन्ड पर आधारित इंडेक्स के डेरिवेटिव ला सकते हैं. ज़ी बिज़नेस ने 25 अगस्त को ही इसकी जानकारी दी थी.
AA+ और ऊपर रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड के डेरिवेटिव की मंजूरी दी. (File Photo)
AA+ और ऊपर रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड के डेरिवेटिव की मंजूरी दी. (File Photo)
ज़ी बिज़नेस की खबर पर एक बार फिर से मुहर लगी है. एक्सचेंज जल्दी ही शेयरों की तरह कॉरपोरेट बॉन्ड (Corpotate Bond) के लिए भी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) के कॉन्ट्रैक्ट ला सकेंगे. सेबी (Sebi) ने एक्सचेंजों को छूट है है कि वो अब कॉरपोरेट बॉन्ड पर आधारित इंडेक्स के डेरिवेटिव ला सकते हैं. ज़ी बिज़नेस ने 25 अगस्त को ही इसकी जानकारी दी थी. कॉरपोरेट बॉन्ड इंडेक्स आधारित डेरिवेटिव लाने का फायदा ये होगा कि कॉरपोरेट बॉन्ड में लिक्विडिटी आएगी. साथ ही निवेशकों को जोखिम मैनेज करने का भी मौका मिलेगा. कॉरपोरेट बॉन्ड इंडेक्स डेरिवेटिव की ट्रेडिंग का वक्त सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक होगा.
सेबी ने इसके लिए शर्त रखी है कि कम से कम AA+ या उससे ऊपर की रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड के डेरिवेटिव लाए जा सकते हैं. हालांकि पहले फ्यूचर्स को शुरु करने की शर्त रखी है. सेबी से पहले मंजूरी लेनी होगी उसके बाद ही कॉन्ट्रैक्ट लॉन्च होंगे. सेबी को बताना होगा कि किस तरह से इंडेक्स तैयार हुआ है. सेटलमेंट कैसे होगा. जोखिम का मैनेजमेंट होगा और निवेशकों के हितों की रक्षा का क्या उपाय होगा.
ये भी पढ़ें- SEBI का मास्टरस्ट्रोक! Exchanges की तकनीकी खामी पर नई गाइडलाइंस क्यों हैं काबिले-तारीफ? अनिल सिंघवी से समझिए
2 लाख रुपये होगी कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
शुरुआती कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू कम से कम 2 लाख रुपए होगी. डेरिवेटिव क लिए जो इंडेक्स बनेगा उसमें पर्याप्त डाइवर्सिफिकेशन और लिक्विडिटी जरूरी है. सुरक्षा के लिए ये भी शर्त है कि किसी एक कंपनी की तरफ से जारी बॉन्ड की इंडेक्स में कुल वेटेज 15% से अधिक नहीं होगी. साथ ही इंडेक्स में कम से कम 8 अलग अलग कंपनियों के बॉन्ड होना जरूरी होगा. किसी एक सेक्टर का वेटेज भी 25% से ऊपर नहीं रखना होगा.
स्टॉक एक्सचेंज 3 साल तक की मियाद के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट ला सकेंगे. कॉन्ट्रैक्ट साइकिल हफ्ते, महीने, तिमाही, छमाही तक संभव होगी. संस्थागत निवेशकों और अन्य के लिए पोजीशन लिमिट होगी. संस्थागत जिसमें कि पेंशन फंड, म्यूचुअल फंड, बैंक, बीमा कंपनियां आदि शामिल होंगी. उनके लिए ओपन इंटरेस्ट (OI) के 10% या 1200 करोड़ रुपये में जो अधिक वो होगी. इसी तरह गैर- संस्थागत कोई व्यक्ति, फैमिली ऑफिस आदि शामिल होंगे. उनके लिए OI का 3% या 400 करोड़ रुपये में जो अधिक हो पोजीशन लिमिट होगी.
ये भी पढ़ें- Budget 2023: बुजुर्गों के लिए वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी, इनकम टैक्स में राहत, GST छूट की मांग
शुरुआती चर्चा में सरकारी सिक्योरिटीज के बॉन्ड के डेरिवेटिव लाने पर भी चर्चा हो रही थी. लेकिन जारी अंतिम नियमों में इसे नहीं रखा गया है. बल्कि केवल कॉरपोरेट बॉन्ड इंडेक्स के डेरिवेटिव के लिए ही नियम लाए गए हैं.
कॉरपोरेट बॉन्ड इंडेक्स में डेरिवेटिव से क्या होगा
- बॉन्ड मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने की कोशिश
- निवेशकों को पोजीशन हेजिंग में मदद होगी
- दुनिया के कई देशों में डेट इंडेक्स पर डेरिवेटिव हैं
ये भी पढ़ें- 6 दिनों की ट्रेनिंग का कमाल! बंजर जमीन से उगा लिए पैसा, सिर्फ 3 हजार खर्च कर कमा लिया ₹2.5 लाख
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
ये भी पढ़ें- Business Idea: अपनी जेब से ₹2 लाख लगाकर शुरू करें ये धांसू बिजनेस, हर महीने होगी लाखों में कमाई, जानिए पूरी डीटेल
10:03 PM IST